【1000】Samanarthi Shabd in Marathi PDF | समानार्थी शब्द

Samanarthi Shabd in Marathi : नमस्कार मित्रांनो आज या पोस्ट मध्ये आम्ही १००० पेक्षा जास्त समानार्थी शब्द दिलेले आहेत, या सोबतच समानार्थी शब्द PDF सुद्धा दिली आहे, म्हणून पोस्ट शेवट पर्यंत नक्की वाचा.

समानार्थी शब्दांची यादी – List Of Samanarthi Shabd in Marathi

  • अभिनेता = नट
  • अरण्य = वन, जंगल, कानन
  • अवघड = कठीण
  • अवचित = एकदम
  • अवर्षण = दुष्काळ
  • अविरत = सतत, अखंड
  • अडचण = समस्या
  • अभ्यास = सराव
  • अन्न = आहार, खाद्य
  • अग्नी = आग
  • अचल = शांत, स्थिर
  • अचंबा = आश्चर्य, नवल
  • अतिथी = पाहुणा
  • अत्याचार = अन्याय
  • अपराध = गुन्हा, दोष
  • अपमान = मानभंग
  • अपाय = इजा
  • अश्रू = आसू
  • अंबर = वस्त्र
  • अमृत = पीयूष
  • अहंकार = गर्व
  • अंक = आकडा
  • आई = माता, माय, जननी, माउली
  • आकाश = आभाळ, गगन, नभ, अंबर
  • आठवण = स्मरण, स्मृती, सय
  • आठवडा = सप्ताह
  • आनंद = हर्ष
  • आजारी = पीडित, रोगी
  • आयुष्य = जीवन, हयात
  • आतुरता = उत्सुकता
  • आरोपी = गुन्हेगार, अपराधी
  • आश्चर्य = नवल, अचंबा
  • पाणी = जल
  • नदी = सरिता
  • आई = माता
  • जंगल = वन
  • ढग = मेघ
  • मित्र = दोस्त
  • पवन = वारा
  • अधार = काळोख, तिमिर
  • अंगण = आवार
  • अंगार = निखारा
  • अंतरिक्ष = अवकाश इलाज = उपाय
  • इशारा = सूचना
  • इंद्र = सुरेंद्र, नाकेश, वसाव, सहस्त्राक्ष, वज्रपाणी, देवेंद्र
  • इहलोक = मृत्युलोक
  • ईर्षा = चुरस
  • दिन = दिवस
  • रात्र = निशा
  • झाड = वृक्ष
  • सागर = समुद्र
  • अनाथ = पोरका
  • अनर्थ = संकट
  • अपघात = दुर्घटना
  • अपेक्षाभंग = हिरमोड
  • अभिवादन = नमस्कार, वंदन, प्रणाम
  • अभिनंदन = गौरव
  • अभिमान = गर्व
  • आसन = बैठक
  • आदर = मान
  • आवाज = ध्वनी, रव
  • आज्ञा = आदेश, हुकूम
  • आपुलकी = जवळीकता
  • आपत्ती = संकट
  • आरसा = दर्पण
  • आरंभ = सुरवात
  • आशा = इच्छा
  • आस = मनीषा
  • आसक्ती = लोभ
  • आशीर्वाद = शुभचिंतन
  • इलाज = उपाय
  • इशारा = सूचना
  • इंद्र = सुरेंद्र
  • इहलोक = मृत्युलोक
  • ईर्षा = चुरस
  • उत्सव = समारंभ, सण, सोहळा
  • उक्ती = वचन
  • उशीर = विलंब
  • उणीव = कमतरता
  • उपवन = बगीचा
  • उदर = पोट
  • उदास = खिन्न
  • उत्कर्ष = भरभराट
  • उपद्रव = त्रास
  • उपेक्षा = हेळसांड
  • ऊर्जा = शक्ती
  • ॠण = कर्ज
  • ॠतू = मोसम
  • एकजूट = एकी, ऐक्य
  • ऐश्वर्य = वैभव
  • ऐट = रुबाब, डौल
  • ओझे = वजन, भार
  • ओढा = झरा, नाला
  • ओळख = परिचय
  • औक्षण = ओवाळणे
  • अंत = शेवट
  • अंग = शरीर
  • कठोर = निर्दय
  • कनक = सोने
  • कटी = कंबर
  • कमळ = पंकज, अंबुज, नलिनी, अळत, पद्म, सरोज, अंभोज, अरविंद, राजीव, अब्ज
  • कपाळ = ललाट, भाल, कपोल, निढळ, अलिक
  • कष्ट = श्रम, मेहनत
  • कंजूष = कृपण
  • काम = कार्य, काज
  • काठ = किनारा, तीर, तट
  • काळ = समय, वेळ, अवधी
  • कान = श्रवण
  • कावळा = काक, एकाक्ष, वायस
  • कालांतराने = दिसामासा
  • काष्ठ = लाकूड
  • कासव = कूर्म, कामट, कमठ, कच्छप, कच्छ
  • किल्ला = गड, दुर्ग
  • किमया = जादू
  • कार्य = काम
  • अंघोळ = स्नान
  • अंधार = काळोख, तिमिर
  • अंगण = आवार
  • अंगार = निखारा
  • अंतरिक्ष = अवकाश
  • कथा = गोष्ट, कहाणी, हकिकत
  • कठीण = अवघड
  • कविता = काव्य, पद्य
  • करमणूक = मनोरंजन
  • कठोर = निर्दय
  • कनक = सोने
  • कटी = कंबर
  • कमळ = पंकज
  • कपाळ = ललाट
  • कष्ट = श्रम, मेहनत
  • कंजूष = कृपण
  • काम = कार्य, काज
  • काठ = किनारा, तीर, तट
  • काळ = समय, वेळ, अवधी
  • कान = श्रवण
  • कावळा = काक
  • काष्ठ = लाकूड
  • किल्ला = गड, दुर्ग
  • किमया = जादू
  • कार्य = काम
  • कारागृह = कैदखाना, तुरुंग
  • कीर्ती = प्रसिद्धी, लौकिक, ख्याती
  • कुतूहल = उत्सुकता
  • कुटुंब = परिवार
  • कुशल = हुशार, तरबेज
  • कुत्रा = श्वान
  • कुटी = झोपडी
  • कुचंबणा = घुसमट
  • कृपण = कंजूष
  • कृश = हडकुळा
  • कोवळीक = कोमलता
  • कोठार = भांडार
  • कोळिष्टक = जळमट
  • खण = कप्पा
  • खडक = मोठा दगड, पाषाण
  • खटाटोप = प्रयत्न
  • खग = पक्षी
  • खड्ग = तलवार
  • खरेपणा = न्यायनीती
  • ख्याती = कीर्ती, प्रसिद्धी, लौकिक
  • खात्री = विश्वास
  • खाली जाणे = अधोगती
  • खिडकी = गवाक्ष
  • खेडे = गाव, ग्राम
  • खोड्या = चेष्टा, मस्करी
  • गरज = आवश्यकता
  • गवत = तृण
  • गर्व = अहंकार
  • गाय = धेनू, गोमाता
  • गाणे = गीत, गान
  • गंमत = मौज, मजा
  • गंध = वास, दरवळ
  • ग्रंथ = पुस्तक
  • गाव = ग्राम, खेडे
  • गुन्हा = अपराध
  • गुलामी = दास्य
  • गोड = मधुर
  • गोणी = पोते
  • गोष्ट = कहाणी, कथा
  • गौरव = सन्मान
  • ग्राहक = गिऱ्हाईक
  • घर = सदन, गृह, निकेतन, आलय
  • घरटे = खोपा
  • घागर = घडा, मडके
  • घोडा = अश्व, हय, वारू
  • चव = रुची, गोडी
  • चरण = पाय, पाऊल
  • चरितार्थ = उदरनिर्वाह
  • चक्र = चाक
  • चऱ्हाट = दोरखंड
  • चाक = चक्र
  • चंद्र = शशी, रजनीनाथ, इंदू
  • चिंता = काळजी
  • चिडीचूप = शांत
  • चिमुरडी = लहान
  • चूक = दोष
  • चेहरा = मुख
  • चौकशी = विचारपूस
  • छंद = नाद, आवड
  • छान = सुरेख, सुंदर
  • छिद्र = भोक
  • जग = दुनिया, विश्व
  • जत्रा = मेळा
  • जन = लोक, जनता
  • जमीन = भूमी, धरती, भुई
  • जंगल = रान
  • जीव = प्राण
  • जीवन = आयुष्य, हयात
  • जुलूम = अत्याचार, छळ, बळजोरी, अन्याय
  • झाड = वृक्ष, तरू
  • झोपडी = कुटीर, खोप
  • झोप = निद्रा
  • झोका = झुला
  • झेंडा = ध्वज, निशाण
  • ठग = चोर
  • ठिकाण = स्थान
  • डोके = मस्तक, शीर्ष, शीर
  • डोळा = नेत्र, नयन, लोचन
  • डोंगर = पर्वत, गिरी
  • ढग = मेघ, जलद, पयोधर, अभ्र
  • ॠण = कर्ज
  • तक्रार = गाऱ्हाणे
  • तळे = तलाव, सरोवर, तडाग
  • त्वचा = कातडी
  • तारण = रक्षण
  • ताल = ठेका
  • तुरंग = कैदखाना, बंदिवास
  • तुलना = साम्य
  • थट्टा = मस्करी, चेष्टा
  • थवा = समूह
  • थोबाड = गालपट
  • दगड = पाषाण, खडक
  • दरवाजा = दार, कवाड
  • दाम = पैसा
  • दृश्य = देखावा
  • दृढता = मजबुती
  • दिवस = दिन, वार, वासर
  • दिवा = दीप, दीपक
  • दूध = दुग्ध, पय
  • द्वेष = मत्सर, हेवा
  • देव = ईश्वर, विधाता
  • देश = राष्ट्र
  • देखावा = दृश्य
  • दार = दरवाजा
  • दारिद्र्य = गरिबी
  • दौलत = संपत्ती, धन
  • धरती = भूमी, धरणी
  • ध्वनी = आवाज, रव
  • नदी = सरिता
  • नजर = दृष्टी
  • नक्कल = प्रतिकृती
  • नमस्कार = वंदन, नमन
  • नातेवाईक = नातलग
  • नाच = नृत्य
  • निश्चय = निर्धार
  • निर्धार = निश्चय
  • निर्मळ = स्वच्छ
  • नियम = पद्धत
  • निष्ठा = श्रद्धा
  • नृत्य = नाच
  • नोकर = सेवक
  • परिश्रम = कष्ट, मेहनत
  • पती = नवरा, वर
  • पत्र = टपाल
  • पहाट = उषा
  • परीक्षा = कसोटी
  • पर्वा = चिंता, काळजी
  • पर्वत = डोंगर, गिरी, अचल
  • पक्षी = पाखरू, खग, विहंग
  • प्रकाश = उजेड
  • प्रवास = सफर, फेरफटका, पर्यटन
  • प्रवासी = वाटसरू
  • प्रजा = लोक
  • प्रत – नक्कल
  • प्रदेश = प्रांत
  • प्रवास = यात्रा
  • प्राण = जीव
  • पान = पत्र, पत्ता
  • प्रासाद = वाडा
  • पाखरू = पक्षी
  • पाऊल = पाय, चरण
  • पाऊलवाट = पायवाट
  • प्रार्थना = स्तवन
  • प्रामाणिकपणा = इमानदारी
  • प्रारंभ = सुरुवात, आरंभ
  • प्रेम = प्रीती, माया, जिव्हाळा
  • प्रोत्साहन = उत्तेजन
  • पाऊस = वर्षा, पर्जन्य
  • पाणी = जल, नीर, तोय, उदक
  • पिशवी = थैली
  • पुस्तक = ग्रंथ
  • पुतळा = प्रतिमा, बाहुले
  • पुरातन = प्राचीन
  • पृथ्वी = धरणी, जमीन, वसुंधरा, वसुधा
  • फलक = फळा
  • फांदी शाखा
  • फूल = पुष्प, सुमन, कुसुम
  • बदल = फेरफार, कलाटणी
  • बर्फ = हिम
  • बहीण = भगिनी
  • बक्षीस = पारितोषिक, पुरस्कार
  • बाग = बगीचा, उद्यान, वाटिका
  • बासरी = पावा
  • बेत = योजना
  • बाळ = बालक
  • बाप = पिता, वडील, जनक
  • बादशाहा = सम्राट
  • बुद्धी = मती
  • ब्रीद = बाणा
  • भरवसा = विश्वास
  • भरारी = झेप, उड्डाण
  • भव्य = टोलेजंग
  • भाट = स्तुतिपाठक
  • भारती = भाषा, वैखरी
  • भांडण = तंटा
  • भाळ = कपाळ
  • भाऊ = बंधू, सहोदर
  • भेसळ = मिलावट
  • भेदभाव = फरक
  • भोजन = जेवण
  • मदत = साहाय्य
  • ममता = माया, जिव्हाळा, वात्सल्य
  • मन = चित्त, अंतःकरण
  • मजूर = कामगार
  • महिना = मास
  • महिला = स्त्री, बाई, ललना
  • मजूर = कामगार
  • मस्तक = डोके, शीर, माथा
  • मानवता = माणुसकी
  • मान = गळा
  • मंगल = पवित्र
  • मंदिर = देऊळ, देवालय
  • मार्ग = रस्ता, वाट
  • म्होरक्या = पुढारी, नेता
  • मित्र = दोस्त, सोबती, सखा, सवंगडी
  • मिष्टान्न = गोडधोड
  • मुलगा = पुत्र, सुत, तनय
  • मुलगी = कन्या, तनया
  • मुद्रा = चेहरा, मुख, तोंड, वदन
  • मुख = तोंड, चेहरा
  • मुलुख = प्रदेश, प्रांत, परगणा
  • मेहनत = कष्ट, श्रम, परिश्रम
  • मैत्री = दोस्ती
  • मौज = मजा, गंमत
  • यश = सफलता
  • युक्ती = विचार, शक्कल
  • युद्ध = लढाई, संग्राम, लढा, समर
  • योद्धा = लढवय्या
  • रक्त = रुधिर
  • रणांगण = रणभूमी, समरांगण
  • र्हास = हानी
  • राग = क्रोध, संताप, चीड
  • राजा = नरेश, नृप
  • राष्ट्र = देश
  • रांग = ओळ
  • रात्र = निशा, रजनी, यामिनी
  • रान = वन, जंगल, अरण्य, कानन
  • रूप = सौंदर्य
  • रुबाब = ऐट, तोरा
  • रेखीव = सुंदर, सुबक
  • लग्न = विवाह, परिणय
  • लाट = लहर
  • लाज = शरम,
  • लोभ = हाव
  • वस्त्र = कपडा
  • वारा = वात, पवन, अनिल, मारुत, समीर, वायू
  • वाट = मार्ग, रस्ता
  • वाद्य = वाजप
  • वातावरण = रागरंग
  • वेग = गती
  • वेळ = समय, प्रहर
  • वेळू = बांबू
  • वेश = सोशाख
  • वेदना = यातना
  • विश्रांती = विसावा, आराम
  • वितरण = वाटप, वाटणी
  • विद्या = ज्ञान
  • विनंती = विनवणी
  • विरोध = प्रतिकार, विसंगती
  • विसावा = विश्रांती, आराम
  • विश्व = जग, दुनिया
  • वीज = विद्युर, सौदामिनी
  • वृत्ती = स्वभाव
  • वृद्ध = म्हातारा
  • वैराण = ओसाड, भकास, उजाड
  • वैरी = शत्रू, दुष्मन
  • वैषम्य = विषाद
  • व्यवसाय = धंदा
  • व्याख्यान = भाषण
  • शरीर = देह, तनू, काया, कुडी, अंग
  • शक्ती = सामर्थ्य, जोर, बळ
  • शर्यत = स्पर्धा, होड, चुरस
  • शहर = नगर
  • शंकर = चंद्रचूड
  • श्वापद = जनावर
  • शास्त्रज्ञ = वैज्ञानिक
  • शाळा = विद्यालय
  • शाळुंका = शिविलिंग
  • शेत =
  • थट्टा = मस्करी, चेष्टा
  • थवा = समूह
  • थोबाड = गालपट  
  • दगड = पाषाण, खडक
  • दरवाजा = दार, कवाड
  • दाम = पैसा 
  • दृश्य = देखावा 
  • दृढता = मजबुती
  • दिवस = दिन, वार, वासर
  • दिवा = दीप, दीपक
  • दूध = दुग्ध, पय, क्षिर
  • द्वेष = मत्सर, हेवा
  • देव = ईश्वर, विधाता 
  • देह = तनु, तन, काया, वपू, शरीर
  • देश = राष्ट्र
  • देखावा = दृश्य
  • देखत = बघत, पाहत
  • दार = दरवाजा
  • दारिद्र्य = गरिबी
  • दौलत = संपत्ती, धन 
  • धरती = भूमी, धरणी
  • ध्वनी = आवाज, रव
  • नदी = सरिता, 
  • शिवार, वावर, क्षेत्र
  • शिवार = शेत, वावर
  • शीण = थकवा
  • शील = चारित्र्य
  • शीतल = थंड, गार
  • शिक्षा = दंड, शासन
  • श्रम = कष्ट, मेहनत
  • सकाळ = प्रभात, उष:काल
  • सचोटी = खरेपणा
  • सफाई = स्वच्छता
  • सवलत = सूट
  • सजा = शिक्षा
  • सन्मान = आदर
  • संकट = आपत्ती
  • संधी = मोका
  • संत = सज्जन, साधू
  • संपत्ती = धन, दौलत, संपदा
  • सायंकाळ = संध्याकाळ
  • सावली = छाया
  • साथी = सोबती, मित्र, दोस्त, सखा
  • स्तुती = प्रशंसा
  • स्पर्धा = चुरस, शर्यत, होड, पैज
  • स्थान = ठिकाण, वास, ठाव
  • स्त्री = बाई, महिला, ललना
  • संध्याकाळ = सायंकाळ, सांज
  • स्फूर्ती = प्रेरणा
  • स्वच्छता = झाडलोट
  • आग्रह= हट्ट, हेका, अट्टाहास
  • आठवण =सय, स्मृती, स्मरण
  • ओसाड= उजाड 
  • ओझे वजन=, भार
  • ओळख= परिचय
  • ओढा = नाला, झरा, ओहोळ
  • अंत = शेवट, अखेर, मृत्यू, मरण
  • अंग = शरीर, देह, तनू, काया, कुडी, वपु
  • अंतराळ = अवकाश
  • “उ”
  • उक्ती= वचन
  • उजेड= प्रकाश, तेज
  • उसळी= उडी
  • उत्सव= सण, सोहळा, समारंभ
  • उणीव= कमतरता, न्यूनता
  • उमेद= उत्साह, हिम्मत, धैर्य
  • उषा सकाळ,= पहाट, प्रातःकाल, प्रभात, उषःकाल, अरुणोदय
  • उपहास= मस्करी, थट्टा, चेष्टा
  • सुवास = सुगंध, परिमल, दरवळ
  • सुंदर = सुरेख, रमणीय, मनोहर, छान
  • सागर = समुद्र, सिंधू, रत्नाकर, जलधी
  • सावली = छाया
  • सामर्थ्य = शक्ती, बळ
  • साहित्य = लिखाण
  • सेवा = शुश्रूषा
  • सिनेमा = चित्रपट, बोलपट
  • सिंह = केसरी, मृगराज, वनराज
  • सुविधा = सोय
  • सुगंध = सुवास, परिमळ, दरवळ
  • सूत = धागा, दोरा
  • सूर = स्वर
  • सूर्य = रवी, भास्कर, दिनकर, सविता
  • सोने = सुवर्ण, कांचन, हेम
  • सोहळा = समारंभ
  • हद्द = सीमा, शीव
  • हल्ला = चढाई
  • हळू चालणे = मंदगती
  • हकिकत = गोष्ट, कहाणी, कथा
  • हात = हस्त, कर, बाहू
  • हाक = साद
  • हित = कल्याण
  • हिंमत = धैर्य
  • हुकूमत = अधिकार
  • गोष्ट = कहाणी, कथा
  • गौरव = सन्मान 
  • ग्राहक = गिऱ्हाईक
  • घर = सदन, गृह, निकेतन, आलय, भवन, निवास, धाम, घृह
  • घरटे = खोपा
  • घागर = घडा, मडके 
  • घोडा = अश्व, हय, वारू, तुरंग, वाजी
  • घोयका = घोळका, जमाव
  • चव = रुची, गोडी
  • चरण = पाय, पाऊल
  • चरितार्थ = उदरनिर्वाह 
  • चक्र = चाक 
  • चऱ्हाट = दोरखंड
  • चाक = चक्र
  • चंद्र = शशी, रजनीनाथ, इंदू , सुधाकर, निशानाथ, हिमांशू, शशांक, नक्षत्रेष, विधू, सोम
  • चांदणे = कौमुदी, चंद्रप्रकाश, चंद्रिका, ज्योत्स्ना
  • चिडीचूप = शांत
  • चिमुरडी = लहान

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Team ( 360Marathi )

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